लेखनी - संवाद

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संवाद कहने को तो हम साथ साथ हैं पर, अंतर्मन से खाली जज़्बात हैं, हम बोलें या ना बोलें, खामोशियों को अपनी एक आवाज है, ना तुम समझ पाओगे, ना कभी ...

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